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IPL 2025 Vaibhav Suryavanshi : बीसीसीआई को वॉर्निंग... वैभव सूर्यवंशी को सचिन जैसा बनाओ, कहीं हो ना जाए पृथ्वी शॉ जैसा हाल.

IPL 2025 : 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने क्रिकेट की दुनिया को दिखा दिया कि अगर आपके पास हुनर है, तो आपको कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने सिर्फ 35 गेंदों में शतक बनाकर सबको चौंका दिया। वैभव सूर्यवंशी का खेल देखकर हर कोई हैरान था और दुनियाभर के दिग्गज उनकी बल्लेबाजी पर बयान दे रहे हैं। इसी बीच पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल ने बीसीसीआई को वैभव को लेकर चेतावनी दी है। 


IPL 2025 Vaibhav Suryavanshi : बीसीसीआई को वॉर्निंग... वैभव सूर्यवंशी को सचिन जैसा बनाओ, कहीं हो ना जाए पृथ्वी शॉ जैसा हाल.

ग्रेग चैपल ने दी चेतावनी

ग्रेग चैपल ने सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ का उदाहरण देते हुए कहा है कि वैभव को सही तरीके से संभालना होगा। नहीं तो, उनका करियर भी बर्बाद हो सकता है। चैपल ने कहा कि प्रतिभा को सही मार्गदर्शन और सुरक्षा मिलनी चाहिए। उसे सिर्फ मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हर पीढ़ी में, घरेलू क्रिकेट में कोई न कोई खिलाड़ी चमकता है। आजकल, आईपीएल में खिलाड़ियों को बड़ा मंच मिलता है। जहां वे अपनी प्रतिभा दिखाते हैं। वैभव ने भी आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने टूर्नामेंट के इतिहास में दूसरा सबसे तेज शतक बनाया है। इतनी कम उम्र में, उन्होंने रिकॉर्ड बना दिया है।

बीसीसीआई को कही ये बात

ग्रेग चैपल ने अपने कॉलम में लिखते हुए बीसीसीआई को चेतावनी दी है कि वैभव को लेकर सावधान रहें। भारत ने सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी को देखा है। लेकिन, विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों को भी देखा है। जो अपनी प्रतिभा का सही इस्तेमाल नहीं कर पाए। चैपल ने लिखा, 'सचिन तेंदुलकर एक किशोर के रूप में इसलिए सफल हुए क्योंकि उनके पास प्रतिभा के साथ-साथ एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम था। उनका स्वभाव शांत था। उनके कोच समझदार थे। उनके परिवार ने उन्हें दुनियादारी से बचाए रखा। दूसरी ओर, विनोद कांबली भी प्रतिभाशाली थे। शायद सचिन से ज्यादा। लेकिन, वे शोहरत और अनुशासन के बीच संतुलन नहीं बना पाए। उनका पतन भी उतनी ही तेजी से हुआ, जितनी तेजी से वे ऊपर उठे थे। पृथ्वी शॉ भी एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं। जो अभी गिर गए हैं। लेकिन, शायद वे फिर से उठ खड़े हों।'

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कांबली और तेंदुलकर का दिया उदाहरण

विनोदी कांबली और सचिन तेंदुलकर ने एक साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया था। तेंदुलकर महान बन गए। लेकिन, कांबली गुमनाम हो गए। तेंदुलकर ने अपने करियर में 34,357 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट में 15,921 रन और वनडे में 18,426 रन बनाए। उन्होंने एक टी20आई मैच भी खेला, जिसमें उन्होंने 10 रन बनाए। कांबली ने 17 टेस्ट और 104 वनडे मैच खेले। उन्होंने शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन किया। वे टेस्ट मैचों में लगातार दो दोहरे शतक बनाने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ 224 रन बनाए। उन्होंने दिल्ली में जिम्बाब्वे के खिलाफ भी 224 रन बनाए। लेकिन, वे लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। इसलिए, उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।

पृथ्वी शॉ को भी किया गया बाहर

विनोद कांबली मैदान के बाहर चीजों को संभाल नहीं पाए। उन्हें शराब की लत लग गई। जिससे उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं हुईं। पिछले साल दिसंबर में, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पृथ्वी शॉ के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्हें बचपन में ही प्रतिभाशाली माना गया था। उन्होंने 2018 में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताया था। लेकिन, अब वे सीनियर टीम में कहीं नहीं हैं। उनके साथ खेलने वाले शुभमन गिल और अर्शदीप सिंह सुपरस्टार बन गए हैं। पृथ्वी शॉ ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत शानदार तरीके से की थी। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले ही मैच में शतक बनाया था। उन्हें भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा था। लेकिन, अनुशासनहीनता, फिटनेस की समस्याएं और विवादों ने उनके करियर को बर्बाद कर दिया। इस साल आईपीएल मेगा ऑक्शन में उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला।


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