RISAT-1B : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए 10 सैटेलाइट लगातार काम कर रहे हैं। ये सैटेलाइट 24 घंटे काम में लगे हैं। वी. नारायणन सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (CAU) के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम इंफाल में हुआ। उन्होंने पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच देश की सुरक्षा पर ISRO के प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने इसरो की नई लॉन्चिंग के बारे में भी बताया, जो भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की सुरक्षा में मील का पत्थर साबित होगा।ISRO चीफ ने कहा, 'देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए कम से कम 10 सैटेलाइट लगातार काम कर रहे हैं। आप सभी हमारे पड़ोसियों के बारे में जानते हैं। अगर हमें अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है, तो हमें अपने सैटेलाइट के माध्यम से सेवा करनी होगी। हमें अपने 7000 किलोमीटर के समुद्री तट की निगरानी करनी होगी। हमें पूरे उत्तरी भाग की लगातार निगरानी करनी होगी। सैटेलाइट और ड्रोन तकनीक के बिना, हम यह नहीं कर सकते।'
RISAT-1B होने जा रहा लॉन्च
इसरो चीफ ने बताया कि भारत की सीमा सुरक्षा अब और भी मजबूत होने वाली है। इसरो 18 मई को एक नया सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है। इसका नाम है RISAT-1B। इसे EOS-09 के नाम से भी जाना जाएगा। यह सैटेलाइट श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा।RISAT-1B में सी बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार
RISAT-1B एक खास रडार इमेजिंग सैटेलाइट है। यह हर मौसम में काम कर सकता है। मतलब, चाहे बारिश हो, बादल हों या रात हो, यह धरती की तस्वीरें ले सकता है। इसमें C-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार लगा है। यह रडार बहुत ही अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें लेता है। अक्सर जो कैमरे वाले सैटेलाइट होते हैं, वे खराब मौसम या रात में ठीक से तस्वीरें नहीं ले पाते। लेकिन RISAT-1B हर परिस्थिति में काम करेगा।
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घुसपैठियों को पकड़ने में करेगा मदद
विशेषज्ञों का कहना है कि RISAT-1B का लॉन्च बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद यह और भी जरूरी हो गया है। इससे हमारी सेना को पाकिस्तान और चीन के साथ लगी सीमाओं पर नजर रखने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह हमारे देश के बड़े समुद्री तटों की सुरक्षा भी करेगा। RISAT-1B की रडार तकनीक रक्षा के लिए बहुत उपयोगी है। यह दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रख सकता है। घुसपैठियों को पकड़ सकता है और आतंकवाद विरोधी अभियानों में मदद कर सकता है। इससे लगातार खुफिया जानकारी मिलती रहेगी।सेना को हर पल भेजेगा खुफिया जानकारी
यह सैटेलाइट इतनी अच्छी तस्वीरें लेता है कि छोटी-छोटी चीजें भी दिख जाती हैं। जैसे, अगर कहीं मिट्टी में थोड़ा सा भी बदलाव हुआ, तो यह उसे पकड़ लेगा। इससे पता चल जाएगा कि वहां कोई गाड़ी या मिलिट्री का सामान गया है। ऐसी चीजें आम तौर पर दूसरी निगरानी में नहीं दिखतीं। RISAT-1B, RISAT सीरीज का ही एक नया और बेहतर वर्जन है। इस सीरीज के सैटेलाइट पहले भी इस्तेमाल हो चुके हैं, जैसे कि बालाकोट स्ट्राइक में।
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जमीन की मिट्टी के कण-कण आएंगे नजर
RISAT-1B आतंकवादियों को पकड़ने में भी मदद करेगा। अगर आतंकवादी सीमा पार करने की कोशिश करते हैं, तो यह उनकी हरकतों को आसानी से पकड़ लेगा। इस सैटेलाइट में पांच अलग-अलग इमेजिंग मोड हैं। एक मोड में यह बहुत ही छोटी चीजों की तस्वीरें ले सकता है। वहीं, दूसरे मोड में यह बड़े इलाकों की तस्वीरें ले सकता है। इससे इस सैटेलाइट को मिलिट्री के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे, इसका इस्तेमाल खेती, जंगल, मिट्टी की नमी, भूविज्ञान और बाढ़ पर नजर रखने के लिए किया जा सकता है।
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