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BaaS in EV Vehicle : अब इलेक्ट्रिक कार खरीदो बैटरी की चिंता छोड़ो, BaaS बदल रहा है खेल

BaaS in EV Vehicle भारत में ऑटोमोबाइल कंपनियां तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाने पर जोर दे रही हैं. पिछले कुछ साल में JSW MG मोटर जैसी कंपनियां EV सेक्टर में Battery-as-a-Service या BaaS नामक योजना को लॉन्च किया है. इस रणनीति के चलते MG Windsor EV जैसी कारें बेहद कम समय में लोकप्रिय हो गई हैं और अपने सेगमेंट में दूसरी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं.


BaaS in EV Vehicle : अब इलेक्ट्रिक कार खरीदो बैटरी की चिंता छोड़ो, BaaS बदल रहा है खेल

बढ़ती कीमत ईवी खरीदने वालों के लिए बनी संकोच

हालांकि EV का लॉन्ग टर्म ICE (Internal Combustion Engine) वाहनों की तुलना में कम होता है लेकिन इनकी इनिशियल प्राइस खरीद लागत अधिक होती है. यही कारण है कि कई लोग अभी भी EV खरीदने से हिचकिचाते हैं. इस चुनौती से निपटने के लिए भारतीय EV निर्माता कंपनियां अब एक नया रास्ता अपना रही हैं जिसका नाम है बैटरी-एज़-ए-सर्विस.

क्या है Battery-as-a-Service (BaaS)?

BaaS एक ऐसी योजना है जिसके तहत लोग इलेक्ट्रिक वाहन को बिना बैटरी खरीदे ले सकते हैं. क्योंकि बैटरी EV का सबसे महंगा पार्ट होती है उसकी कीमत को वाहन की कुल कीमत से अलग कर देने से वाहन की कीमत में जोरदार गिरावट आती है. इस योजना में ग्राहक केवल वाहन के बॉडीशेल की कीमत चुकाते हैं या तो लमसम या फाइनेंसिंग के माध्यम से जबकि बैटरी किराए पर ली जाती है. बैटरी का पेमेंट ग्राहक अपनी ड्राइविंग दूरी के आधार पर किस्तों में करता है. इससे न केवल वाहन की शुरुआती कीमत घटती है बल्कि कंज्यूमर को उसकी जरूरतों और बजट के अनुसार योजना चुनने की सुविधा भी मिलती है.

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BaaS योजनाएं: कैसे काम करती हैं?

बैटरी-एज-ए-सर्विस योजना के तहत कई प्रकार की प्राइसिंग स्ट्रक्चर उपलब्ध हैं.

प्रति किलोमीटर पर बेस्ड पेमेंट: कुछ योजनाओं में ग्राहक से तय दूरी तक प्रति किलोमीटर फीस लिया जाता है. जिसके बाद एडिशनल दूरी पर कोई फीस नहीं लिया जाता.

सिक्योरिटी डिपॉजिट मॉडल: इसमें एक फिक्स्ड अमाउंट को सिक्योरिटी के रूप में लिया जाता है, जिसके बदले हर महीने एक तय फीस लिया जाता है चाहे वाहन चला हो या नहीं.

एडजस्टेबल योजना: इसमें अगर ग्राहक तय सीमा से अधिक किलोमीटर चलाता है तो अतिरिक्त अमाउंट अगले महीनों में जब दूरी कम हो, उसमें एडजस्ट हो जाती है. इन ऑप्शन से खरीदारों को ज्यादा लचीलापन और ट्रांसपेरेन्सी मिलती है. इससे ऑटो निर्माता ज्यादा बड़े बाजार को टारगेट कर सकते हैं और अपने EV उत्पादों की बिक्री में इजाफा कर सकते हैं.

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BaaS बनाम ट्रेडिशनल खरीद: कौन सा बेहतर?

BaaS के जरिए EVs को और भी अधिक आसान बनाया गया है विशेषकर उन ग्राहकों के लिए जिनका बजट लिमिटेड है. वैसे लोगों को कार खरीदते समय कार और बैटरी दोनों की पूरी कीमत एक साथ चुकानी पड़ती है, जबकि BaaS में यह खर्च बट जाता है.

हालांकि, ये तय करना कि ट्रेडिशनल मॉडल बेहतर है या BaaS ये खरीदार की व्यक्तिगत जरूरतों और इस्तेमाल पर निर्भर करता है. अगर कोई व्यक्ति सीमित दूरी तक वाहन का इस्तेमाल करता है और बजट के अनुसार योजना चाहता है, तो BaaS उसके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. वहीं अधिक चलने वाले उपभोक्ताओं के लिए ट्रेडिशनल खरीद ज्यादा किफायती साबित हो सकती है.


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